Makaradhvaj Ayurveda

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मकरध्वज:-


💜मरते व्यक्ति को भी जिंदा कर देगी,इतनी ताकत रखती है


💜संजीवनी बूटी के बाद अगर कुछ ताकतवर है तो यही है


💚अष्ट दश संस्कारित एवम षडगुण बलिजारित पारद से निर्मित मकर ध्वज, स्वर्ण भस्म, कस्तूरी और मोती भस्म आदि से निर्मित किया जाता है.


💚किसी भी औसाधि के साथ मिला देने से उस औषधि की ताकत को हजार गुना बढ़ा देती है


💚महाऔषिधि मकरध्वज जो सर्व रोग नाशिनी है, इसके द्वारा अनगिनत प्राणी काल के मुंह से बचते है।


💚चंद्रोदय वटी भी इतनी ही ताकत रखती है


💙मकर ध्वज के सेवन से मनुष्य कि ताक़त बहुत बढती है। यह हृदय और स्नायुमंडल (दिमाग) को इंजेक्शन कि तरह पांच मिनट में ताक़तवर बनाता है। मकरध्वज खाने से शरीर का वजन निश्चित रूप से बढ़ता है। यह बल वीर्य कान्ति शक्ति पुरुषार्थ आदि के लिए सर्व श्रेष्ठ है। शीघ्रपतन की तो ये अचूक दवा है।


💙नपुंसकता के लिए मकरध्वज महा गुणकारी है, गोद के बच्चे से लेकर 100 वर्ष तक के आदमी को मकर ध्वज एक सा फायदा करती है।


💚मकरध्वज के लाभकारी अनुपान

💛नए बुखार में अदरक का रस या परवल का रस और शहद

💛मियादी बुखार में पान का रस या शहद

💛सन्निपात इसे ब्राह्म रस के साथ

💛निमोनिया में अडूसे का रस और शहद

💛मोतीझरा में शहद और लौंग का काढ़ा

💛मलेरिया बुखार में करंज का चूर्ण और शहद

💛पुराने बुखार में पीपल का चूर्ण या शेफाली का रस और शहद

💛ज्वारातिसर में शहद और सौंठ का पानी

💛आंव के दस्तों में बिल्व (बेल) कि गिरी का चूर्ण और शहद

💛खून के दस्त में कुडे कि छाल का काढ़ा और शहद

💛पतले दस्त में जीरे का चूर्ण और शहद

💛पुराने दस्त में चावल का धोवन और शहद

💛संग्रहणी में जीरा का चूर्ण और शहद

💛बवासीर में जिमीकंद का चूर्ण या निमोली का चूर्ण और शहद

💛खूनी बवासीर में नागकेशर का चूर्ण और शहद

💛हैजा में प्याज का रस और शहद.

💛कब्जियत में त्रिफला का पानी और शहद

💛अमल्पित्त में आंवले का पानी और शहद

💛पांडू (पीलिया) में पुराने गुड के साथ

💛राजयक्ष्मा में सितोपलादि चूर्ण, गिलोय का सत्व अथवा बासक (अडूसे) का रस और शहद

💛खांसी में कंटकारी का रस या पान का रस और शहद

💛दमे में बेल के पत्तों का रस या अपामार्ग का रस और शहद

💛स्वरभंग में मुलेठी चूर्ण और शहद.

💛अरुचि में निम्बू का रस और शहद

💛मिर्गी में बच का चूर्ण और शहद

💛पागलपन में कुष्मांडाव्लेह या ब्राहम रस और शहद

💛वातव्याधि में अरंड की जड़ का रस और शहद

💛वातरक्त में गिलोय का रस और शहद.

💛आमवात में शहद से खाकर ऊपर से सने, बड़ी हरड और अमलतास का काढ़ा लें

💛वायुगोले में भुनी हुई हींग का चूर्ण और गर्म पानी

💛हृदय रोग में अर्जुन की छाल का चूर्ण और शहद.

💛मूत्रकच्छ और मुत्रघात में गोखरू का काढ़ा और शहद

💛सुजाक में जवाखार और गर्म पानी

💛पथरी में कुल्थी की दाल का काढ़ा और शहद

💛प्रमेह (धातु स्त्राव) में कच्ची हल्दी का रस या आंवले का रस अथवा नीम गिलोय का रस और शहद

💛मधुमेह में जामुन की गुठली का चूर्ण और शहद

💛दुर्बलता में असगंध का चूर्ण और शहद

💛उदर रोग और शौथ में शहद और शुद्ध रेंडी का तेल

💛गर्मी में अनंतमूल का काढ़ा और शहद

💛शीतला (चेचक) में करेले की पत्ती का रस और शहद

मुख रोग में गिलोय का रस और शहद

💛रक्तप्रदर में अशोक की छाल का चूर्ण या उससे पकाया हुआ दूध और शहद

💛सफ़ेद प्रदर में चावल का धोवन (मांड) या राल का चूर्ण और शहद

💛सूतिका रोग में शहद और दशमूल का काढ़ा

💛नाडी छूटने पर तुलसी का रस शहद

💛कफ रोग में अदरक का रस और शहद

💛पित्त रोग में शहद, सौंफ और धनिये का पानी

💛ताक़त बढ़ाने के लिए वेदाना का रस, मलाई मक्खन, अंगूर का रस, शतावर का रस या पान का रस और शहद

💛स्तंभन शक्ति के लिए माजूफल तथा जायफल का चूर्ण और शहद........

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